At Diwali, which is the occasion to celebrate stories of Truth and Courage at Prakriti, our luminosity learners prepared a play called Kathputli Ka Raja. The plot of the story is a conflict between two kings and the act deploys humour and puppetry as the tools. Here is what our language and drama facilitator Fahim Bhaiya has to say about the play:

दीपावली के विशेष अवसर पर ‘ ट्रुथ एंड करेज प्रोग्राम ‘ के तहत कक्षा छ: लुमिनोसिटी ग्रुप के छात्रों ने ‘ कठपुतली का राजा ‘ नामक नाटक की प्रस्तुति तैयार की जिसकी मूलसंवेदना है कठिन समय में बैर-भाव को दूर करते हुए मदद करना। इसे कठपुतलियों के अभिनय के द्वारा, कविता और संवादों के माध्यम से दर्शाया गया है। नाटक में दो राजाओं के बीच जंग होने वाली है। दोनों राजाओं को जंग पर जाना है। एक राजा योध्दाओं वाले कपड़े पहने हुए , अपनी तलवार, ढाल और भाला लेकर मैदान में आता है तथा दूसरा राजा जो हर अवसर पर सज-संवरकर के रहना पसंद करता है, भले ही जंग लड़ने क्यों न जाने हो ? और जंग लड़ने के लिए तलवार और ढाल की जगह शीशा ले जाता है तो क्या होता होगा ? दुश्मन राजा से कैसे सामना करता होगा ? जब कोई संकट आता होगा तो उसका उपाय कैसे निकालता होगा ?
इन्हीं सब घटनाओं को लुमिनोसिटी ग्रुप के छात्रों ने
बड़े ही रोचक तरीके से दिखाया है।

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